Jetal Panchal
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Jetal Panchal
Assistant Teacher (Maths-Science) at Gujarat-India
martes, mayo 19, 2015
sábado, mayo 16, 2015
viernes, mayo 15, 2015
jueves, mayo 14, 2015
miércoles, mayo 13, 2015
martes, mayo 12, 2015
lunes, mayo 11, 2015
HTAT Materials
- વિભાગ - 1 (ક) માટે :
> સામાન્ય જ્ઞાનના 500 પ્રશ્નો : Click Here
> સામાન્ય જ્ઞાનના 1500 પ્રશ્નો : Click Here
> ભારતનું બંધારણ : Click Here
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> ભારતનું બંધારણ : Click Here
> ભારતના સંવિધાનના સમગ્ર અનુચ્છેદો : Click Here
> RTI- 2005 : Click Here
> RTE- 2009 : Click Here
- વિભાગ - 1 (ખ) માટે :
> મુંબઇ પ્રાથમિક શિક્ષણ અધિનિયમ- 1947 : Click Here
> મુંબઇ પ્રાથમિક શિક્ષણ નિયમો- 1949 : Click Here
> NCTE અધિનિયમ- 1993 : Click Here
> ગુજરાત મુલ્કી સેવા વર્ગીકરણ અને ભરતી (સામાન્ય) નિયમો, 1967 : Click Here
> GCERT મુખ્ય શિક્ષક તાલીમ મોડ્યુલ- PEDAGOGY : Click Here
> GCERT મુખ્ય શિક્ષક તાલીમ મોડ્યુલ- Soft Skills : Click Here
> GCERT મુખ્ય શિક્ષક તાલીમ મોડ્યુલ- Total Learning Package : Click Here
> શાળા દફતરોનો પરિચય : Click Here
> સતત (શાળાકીય) સર્વગ્રાહી મૂલ્યાંકન- શિક્ષક માર્ગદર્શિકા : Click Here
> શાળા વ્યવસ્થાપન સમિતિ (SMC) : Click Here
> શાળા (એસએમસી) ને એસ.એસ.એ. દ્વારા આપવામાં આવતી ગ્રાન્ટ : Click Here
- વિભાગ - 1 (ગ) માટે :
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> બાળ મનોવિજ્ઞાન : Click Here
> વિકલાંગ બાળકોનું સંકલિત શિક્ષણ : Click Here
> શિક્ષણનો ઇતિહાસ : Click Here
> પાવલોવ, સ્કીનર અને થોર્નડાઇકના પ્રયોગ વિષેની વિગતવાર માહિતી : Click Here
Regards : Thanks to http://www.pgondaliya.com by Puranbhai Gondaliya for above useful materials.
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> ધોરણ- 1 થી 5 - By Hiren Patel : Click Here
> ધોરણ- 6 થી 8-ગણિત (પ્રથમ સત્ર) - By Hiren Patel : Click Here
> ધોરણ- 6 થી 8-ગણિત (દ્વિતીય સત્ર) - By Hiren Patel : Click Here
> ધોરણ- 6 થી 8-વિજ્ઞાન અને ટેક્નોલોજી (પ્રથમ સત્ર) - By Hiren Patel : Click Here
> ધોરણ- 6 થી 8-વિજ્ઞાન અને ટેક્નોલોજી (દ્વિતીય સત્ર) - By Hiren Patel : Click Here
> ધોરણ- 6 થી 8-સામાજિક વિજ્ઞાન (પ્રથમ સત્ર) - By Hiren Patel : Click Here
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નોંધ : આ ઉપરાંત પણ વધુ ઉપયોગી મટીરિયલ્સ સમયાંતરે Upload કરવામાં આવશે. So Keep Visit.HTAT Materials
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domingo, mayo 10, 2015
sábado, mayo 09, 2015
Vyakti Vishesh : Maharana Pratap Janma Jyanti - 9th May
नाम - कुँवर प्रताप जी (श्री महाराणा प्रताप सिंह जी)
जन्म - 9 मई, 1540 ई.
जन्म भूमि - कुम्भलगढ़, राजस्थान
पुण्य तिथि - 29 जनवरी, 1597 ई.
पिता - श्री महाराणा उदयसिंह जी
माता - राणी जीवत कँवर जी
राज्य - मेवाड़
शासन काल - 1568–1597ई.
शासन अवधि - 29 वर्ष
वंश - सुर्यवंश
राजवंश - सिसोदिया
राजघराना - राजपूताना
धार्मिक मान्यता - हिंदू धर्म
युद्ध - हल्दीघाटी का युद्ध
राजधानी - उदयपुर
पूर्वाधिकारी - महाराणा उदयसिंह
उत्तराधिकारी - राणा अमर सिंह
अन्य जानकारी -
महाराणा प्रताप सिंह जी के पास एक सबसे प्रिय घोड़ा था,
जिसका नाम 'चेतक' था।
राजपूत शिरोमणि महाराणा प्रतापसिंह उदयपुर,
मेवाड़ में सिसोदिया राजवंश के राजा थे।
वह तिथि धन्य है, जब मेवाड़ की शौर्य-भूमि पर मेवाड़-मुकुटमणि
राणा प्रताप का जन्म हुआ।
महाराणा का नाम
इतिहास में वीरता और दृढ़ प्रण के लिये अमर है।
महाराणा प्रताप की जयंती विक्रमी सम्वत् कॅलण्डर
के अनुसार प्रतिवर्ष ज्येष्ठ, शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती
है।
महाराणा प्रताप के बारे में कुछ रोचक जानकारी:-
1... महाराणा प्रताप एक ही झटके में घोड़े समेत दुश्मन सैनिक को काट डालते थे।
2.... जब इब्राहिम लिंकन भारत दौरे पर आ रहे थे तब उन्होने
अपनी माँ से पूछा कि हिंदुस्तान से आपके लिए क्या लेकर
आए| तब माँ का जवाब मिला- ”उस महान देश की वीर भूमि
हल्दी घाटी से एक मुट्ठी धूल लेकर आना जहाँ का राजा अपनी प्रजा के प्रति इतना वफ़ादार था कि उसने आधे हिंदुस्तान के बदले अपनी मातृभूमि को चुना ” लेकिन बदकिस्मती से उनका वो दौरा रद्द हो गया था | “बुक ऑफ़
प्रेसिडेंट यु एस ए ‘किताब में आप यह बात पढ़ सकते हैं |
3.... महाराणा प्रताप के भाले का वजन 80 किलोग्राम था और कवच का वजन भी 80 किलोग्राम ही था|
कवच, भाला, ढाल, और हाथ में तलवार का वजन मिलाएं तो कुल वजन 207 किलो था।
4.... आज भी महाराणा प्रताप की तलवार कवच आदि सामान
उदयपुर राज घराने के संग्रहालय में सुरक्षित हैं |
5.... अकबर ने कहा था कि अगर राणा प्रताप मेरे सामने झुकते है तो आधा हिंदुस्तान के वारिस वो होंगे पर बादशाहत अकबर की ही रहेगी|
लेकिन महाराणा प्रताप ने किसी की भी अधीनता स्वीकार करने से मना कर दिया |
6.... हल्दी घाटी की लड़ाई में मेवाड़ से 20000 सैनिक थे और
अकबर की ओर से 85000 सैनिक युद्ध में सम्मिलित हुए |
7.... महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक का मंदिर भी बना हुआ है जो आज भी हल्दी घाटी में सुरक्षित है |
8.... महाराणा प्रताप ने जब महलों का त्याग किया तब उनके साथ लुहार जाति के हजारो लोगों ने भी घर छोड़ा और दिन रात राणा कि फौज के लिए तलवारें बनाईं| इसी
समाज को आज गुजरात मध्यप्रदेश और राजस्थान में गाढ़िया लोहार कहा जाता है|
मैं नमन करता हूँ ऐसे लोगो को |
9.... हल्दी घाटी के युद्ध के 300 साल बाद भी वहाँ जमीनों में तलवारें पाई गई।
आखिरी बार तलवारों का जखीरा 1985 में हल्दी घाटी में मिला था |
10..... महाराणा प्रताप को शस्त्रास्त्र की शिक्षा "श्री जैमल मेड़तिया जी" ने दी थी जो 8000 राजपूत वीरों को लेकर 60000 मुसलमानों से लड़े थे। उस युद्ध में 48000 मारे गए थे
जिनमे 8000 राजपूत और 40000 मुग़ल थे |
11.... महाराणा के देहांत पर अकबर भी रो पड़ा था |
12.... मेवाड़ के आदिवासी भील समाज ने हल्दी घाटी में
अकबर की फौज को अपने तीरो से रौंद डाला था वो महाराणा प्रताप को अपना बेटा मानते थे और राणा बिना भेदभाव के उन के साथ रहते थे|
आज भी मेवाड़ के राजचिन्ह पर एक तरफ राजपूत हैं तो दूसरी तरफ भील |
13..... महाराणा प्रताप का घोड़ा चेतक महाराणा को 26 फीट का दरिया पार करने के बाद वीर गति को प्राप्त हुआ | उसकी एक टांग टूटने के बाद भी वह दरिया पार कर गया। जहाँ वो घायल हुआ वहां आज खोड़ी इमली नाम का पेड़ है जहाँ पर चेतक की मृत्यु हुई वहाँ चेतक मंदिर है |
14..... राणा का घोड़ा चेतक भी बहुत ताकतवर था उसके
मुँह के आगे दुश्मन के हाथियों को भ्रमित करने के लिए हाथी
की सूंड लगाई जाती थी । यह हेतक और चेतक नाम के दो घोड़े थे|
15..... मरने से पहले महाराणा प्रताप ने अपना खोया
हुआ 85 % मेवाड फिर से जीत लिया था । सोने चांदी और
महलो को छोड़कर वो 20 साल मेवाड़ के जंगलो में घूमे |
16.... महाराणा प्रताप का वजन 110 किलो और लम्बाई 7’5” थी, दो म्यान वाली तलवार और 80 किलो का भाला रखते थे हाथ में।
महाराणा प्रताप के हाथी
की कहानी:
मित्रो आप सब ने महाराणा
प्रताप के घोड़े चेतक के बारे
में तो सुना ही होगा,
लेकिन उनका एक हाथी
भी था। जिसका नाम था रामप्रसाद। उसके बारे में आपको कुछ बाते बताता हुँ।
रामप्रसाद हाथी का उल्लेख
अल- बदायुनी, जो मुगलों
की ओर से हल्दीघाटी के
युद्ध में लड़ा था ने अपने एक ग्रन्थ में किया है।
वो लिखता है की जब महाराणा
प्रताप पर अकबर ने चढाई की
थी तब उसने दो चीजो को
ही बंदी बनाने की मांग की
थी एक तो खुद महाराणा
और दूसरा उनका हाथी
रामप्रसाद।
आगे अल बदायुनी लिखता है
की वो हाथी इतना समझदार
व ताकतवर था की उसने
हल्दीघाटी के युद्ध में अकेले ही
अकबर के 13 हाथियों को मार
गिराया था
वो आगे लिखता है कि
उस हाथी को पकड़ने के लिए
हमने 7 बड़े हाथियों का एक
चक्रव्यूह बनाया और उन पर
14 महावतो को बिठाया तब
कहीं जाकर उसे बंदी बना पाये।
अब सुनिए एक भारतीय
जानवर की स्वामी भक्ति।
उस हाथी को अकबर के समक्ष
पेश किया गया जहा अकबर ने
उसका नाम पीरप्रसाद रखा।
रामप्रसाद को मुगलों ने गन्ने
और पानी दिया।
पर उस स्वामिभक्त हाथी ने
18 दिन तक मुगलों का न
तो दाना खाया और न ही
पानी पिया और वो शहीद
हो गया।
तब अकबर ने कहा था कि
जिसके हाथी को मैं अपने सामने
नहीं झुका पाया उस महाराणा
प्रताप को क्या झुका पाउँगा।
ऐसे ऐसे देशभक्त चेतक व रामप्रसाद जैसे तो यहाँ
जानवर थे।
इसलिए मित्रो हमेशा अपने
भारतीय होने पे गर्व करो।
पढ़कर सीना चौड़ा हुआ हो
तो शेयर कर देना।
Source : WhatsApp Group
जन्म - 9 मई, 1540 ई.
जन्म भूमि - कुम्भलगढ़, राजस्थान
पुण्य तिथि - 29 जनवरी, 1597 ई.
पिता - श्री महाराणा उदयसिंह जी
माता - राणी जीवत कँवर जी
राज्य - मेवाड़
शासन काल - 1568–1597ई.
शासन अवधि - 29 वर्ष
वंश - सुर्यवंश
राजवंश - सिसोदिया
राजघराना - राजपूताना
धार्मिक मान्यता - हिंदू धर्म
युद्ध - हल्दीघाटी का युद्ध
राजधानी - उदयपुर
पूर्वाधिकारी - महाराणा उदयसिंह
उत्तराधिकारी - राणा अमर सिंह
अन्य जानकारी -
महाराणा प्रताप सिंह जी के पास एक सबसे प्रिय घोड़ा था,
जिसका नाम 'चेतक' था।
राजपूत शिरोमणि महाराणा प्रतापसिंह उदयपुर,
मेवाड़ में सिसोदिया राजवंश के राजा थे।
वह तिथि धन्य है, जब मेवाड़ की शौर्य-भूमि पर मेवाड़-मुकुटमणि
राणा प्रताप का जन्म हुआ।
महाराणा का नाम
इतिहास में वीरता और दृढ़ प्रण के लिये अमर है।
महाराणा प्रताप की जयंती विक्रमी सम्वत् कॅलण्डर
के अनुसार प्रतिवर्ष ज्येष्ठ, शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती
है।
महाराणा प्रताप के बारे में कुछ रोचक जानकारी:-
1... महाराणा प्रताप एक ही झटके में घोड़े समेत दुश्मन सैनिक को काट डालते थे।
2.... जब इब्राहिम लिंकन भारत दौरे पर आ रहे थे तब उन्होने
अपनी माँ से पूछा कि हिंदुस्तान से आपके लिए क्या लेकर
आए| तब माँ का जवाब मिला- ”उस महान देश की वीर भूमि
हल्दी घाटी से एक मुट्ठी धूल लेकर आना जहाँ का राजा अपनी प्रजा के प्रति इतना वफ़ादार था कि उसने आधे हिंदुस्तान के बदले अपनी मातृभूमि को चुना ” लेकिन बदकिस्मती से उनका वो दौरा रद्द हो गया था | “बुक ऑफ़
प्रेसिडेंट यु एस ए ‘किताब में आप यह बात पढ़ सकते हैं |
3.... महाराणा प्रताप के भाले का वजन 80 किलोग्राम था और कवच का वजन भी 80 किलोग्राम ही था|
कवच, भाला, ढाल, और हाथ में तलवार का वजन मिलाएं तो कुल वजन 207 किलो था।
4.... आज भी महाराणा प्रताप की तलवार कवच आदि सामान
उदयपुर राज घराने के संग्रहालय में सुरक्षित हैं |
5.... अकबर ने कहा था कि अगर राणा प्रताप मेरे सामने झुकते है तो आधा हिंदुस्तान के वारिस वो होंगे पर बादशाहत अकबर की ही रहेगी|
लेकिन महाराणा प्रताप ने किसी की भी अधीनता स्वीकार करने से मना कर दिया |
6.... हल्दी घाटी की लड़ाई में मेवाड़ से 20000 सैनिक थे और
अकबर की ओर से 85000 सैनिक युद्ध में सम्मिलित हुए |
7.... महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक का मंदिर भी बना हुआ है जो आज भी हल्दी घाटी में सुरक्षित है |
8.... महाराणा प्रताप ने जब महलों का त्याग किया तब उनके साथ लुहार जाति के हजारो लोगों ने भी घर छोड़ा और दिन रात राणा कि फौज के लिए तलवारें बनाईं| इसी
समाज को आज गुजरात मध्यप्रदेश और राजस्थान में गाढ़िया लोहार कहा जाता है|
मैं नमन करता हूँ ऐसे लोगो को |
9.... हल्दी घाटी के युद्ध के 300 साल बाद भी वहाँ जमीनों में तलवारें पाई गई।
आखिरी बार तलवारों का जखीरा 1985 में हल्दी घाटी में मिला था |
10..... महाराणा प्रताप को शस्त्रास्त्र की शिक्षा "श्री जैमल मेड़तिया जी" ने दी थी जो 8000 राजपूत वीरों को लेकर 60000 मुसलमानों से लड़े थे। उस युद्ध में 48000 मारे गए थे
जिनमे 8000 राजपूत और 40000 मुग़ल थे |
11.... महाराणा के देहांत पर अकबर भी रो पड़ा था |
12.... मेवाड़ के आदिवासी भील समाज ने हल्दी घाटी में
अकबर की फौज को अपने तीरो से रौंद डाला था वो महाराणा प्रताप को अपना बेटा मानते थे और राणा बिना भेदभाव के उन के साथ रहते थे|
आज भी मेवाड़ के राजचिन्ह पर एक तरफ राजपूत हैं तो दूसरी तरफ भील |
13..... महाराणा प्रताप का घोड़ा चेतक महाराणा को 26 फीट का दरिया पार करने के बाद वीर गति को प्राप्त हुआ | उसकी एक टांग टूटने के बाद भी वह दरिया पार कर गया। जहाँ वो घायल हुआ वहां आज खोड़ी इमली नाम का पेड़ है जहाँ पर चेतक की मृत्यु हुई वहाँ चेतक मंदिर है |
14..... राणा का घोड़ा चेतक भी बहुत ताकतवर था उसके
मुँह के आगे दुश्मन के हाथियों को भ्रमित करने के लिए हाथी
की सूंड लगाई जाती थी । यह हेतक और चेतक नाम के दो घोड़े थे|
15..... मरने से पहले महाराणा प्रताप ने अपना खोया
हुआ 85 % मेवाड फिर से जीत लिया था । सोने चांदी और
महलो को छोड़कर वो 20 साल मेवाड़ के जंगलो में घूमे |
16.... महाराणा प्रताप का वजन 110 किलो और लम्बाई 7’5” थी, दो म्यान वाली तलवार और 80 किलो का भाला रखते थे हाथ में।
महाराणा प्रताप के हाथी
की कहानी:
मित्रो आप सब ने महाराणा
प्रताप के घोड़े चेतक के बारे
में तो सुना ही होगा,
लेकिन उनका एक हाथी
भी था। जिसका नाम था रामप्रसाद। उसके बारे में आपको कुछ बाते बताता हुँ।
रामप्रसाद हाथी का उल्लेख
अल- बदायुनी, जो मुगलों
की ओर से हल्दीघाटी के
युद्ध में लड़ा था ने अपने एक ग्रन्थ में किया है।
वो लिखता है की जब महाराणा
प्रताप पर अकबर ने चढाई की
थी तब उसने दो चीजो को
ही बंदी बनाने की मांग की
थी एक तो खुद महाराणा
और दूसरा उनका हाथी
रामप्रसाद।
आगे अल बदायुनी लिखता है
की वो हाथी इतना समझदार
व ताकतवर था की उसने
हल्दीघाटी के युद्ध में अकेले ही
अकबर के 13 हाथियों को मार
गिराया था
वो आगे लिखता है कि
उस हाथी को पकड़ने के लिए
हमने 7 बड़े हाथियों का एक
चक्रव्यूह बनाया और उन पर
14 महावतो को बिठाया तब
कहीं जाकर उसे बंदी बना पाये।
अब सुनिए एक भारतीय
जानवर की स्वामी भक्ति।
उस हाथी को अकबर के समक्ष
पेश किया गया जहा अकबर ने
उसका नाम पीरप्रसाद रखा।
रामप्रसाद को मुगलों ने गन्ने
और पानी दिया।
पर उस स्वामिभक्त हाथी ने
18 दिन तक मुगलों का न
तो दाना खाया और न ही
पानी पिया और वो शहीद
हो गया।
तब अकबर ने कहा था कि
जिसके हाथी को मैं अपने सामने
नहीं झुका पाया उस महाराणा
प्रताप को क्या झुका पाउँगा।
ऐसे ऐसे देशभक्त चेतक व रामप्रसाद जैसे तो यहाँ
जानवर थे।
इसलिए मित्रो हमेशा अपने
भारतीय होने पे गर्व करो।
पढ़कर सीना चौड़ा हुआ हो
तो शेयर कर देना।
Source : WhatsApp Group
viernes, mayo 08, 2015
miércoles, mayo 06, 2015
Head Teacher Apptitude Test (HTAT)- Notification : 2015
- મુખ્ય શિક્ષક અભિયોગ્યતા કસોટી- એચટાટ :
> http://ojas.guj.nic.in વેબસાઇટ પર ઉમેદવારો માટે HTAT નું રજીસ્ટ્રેશન ફોર્મ
ઓનલાઇન ભરવાનો સમયગાળો :
ઓનલાઇન ભરવાનો સમયગાળો :
તા.10/08/2015 બપોરના 02:00 થી તા.19/08/2015 બપોરના 03:00 કલાક સુધી.
> કમ્પ્યુટરાઇઝ પોસ્ટ ઓફીસમાં ફી સ્વીકારવાનો સમયગાળો :
તા.10/08/2015 બપોરના 14:00 થી તા.20/08/2015 સુધી
(પોસ્ટ ઓફીસના કામકાજના સમય સુધી) (રજાના દિવસો સિવાય).
> હોલ ટીકીટ (પ્રવેશ પત્ર) ojas ની વેબસાઇટ પરથી ડાઉનલોડ કરવાનો સમય :
તા.14/09/2015.
તા.14/09/2015.
> કસોટીની તારીખ અને સમય :
તા.20/09/2015 સમય : બપોરે 12:00 થી 02:00.
તા.20/09/2015 સમય : બપોરે 12:00 થી 02:00.
> જાહેરનામું : HTAT-2015 - Click Here .pdf
Teacher Eligibility Test- TET-I & TET-II Notification : 2015
mayo 06, 2015
TET-I - 2015 -Advertisement, TET-I & II Notification-2015, TET-II - 2015 Advertisement, TET-II Exam Karyakram - 2015 (Sudhara Jahernamu - 2015), TET-II New Notification-2015 on Date-19/06/2015
No comments
- પ્રાથમિક શિક્ષક યોગ્યતા કસોટી- ટેટ-I :
નવું સુધારેલ જાહેરનામું-2015 : (તા. 09/07/2015) :-
- Apply Online : Click Here
======================================
- Apply Online : Click Here
- પ્રાથમિક શિક્ષક યોગ્યતા કસોટી- ટેટ-II :
પરીક્ષા કાર્યક્રમ-2015 (સુધારા જાહેરનામું-2015) : (તા. 09/07/2015) :-
> હોલ ટીકીટ ડાઉનલોડ કરવાનો સમય :
- તા.21/07/2015 થી.
> કસોટીની તારીખ અને સમય :
- તા.26/07/2015 સવારના - 11:00 થી 13:00.
======================================
> હોલ ટીકીટ ડાઉનલોડ કરવાનો સમય :
- તા.21/07/2015 થી.
> કસોટીની તારીખ અને સમય :
- તા.26/07/2015 સવારના - 11:00 થી 13:00.
- તા.26/07/2015 સવારના - 11:00 થી 13:00.
- પ્રાથમિક શિક્ષક યોગ્યતા કસોટી- ટેટ-II :
નવું સુધારેલ જાહેરનામું-2015 : (તા. 19/06/2015) :-
> http://ojas.guj.nic.in વેબસાઇટ પર ઉમેદવારો માટે TET-II નું રજીસ્ટ્રેશન ઓનલાઇન ભરવાનો સમયગાળો :
- તા.22/06/2015 બપોરના 14:00 થી તા.01/07/2015 બપોરના 15:00 કલાક સુધી.
> પોસ્ટ ઓફીસ ખાતે ફી સ્વીકારવાનો સમયગાળો :
- તા.22/06/2015 બપોરના 14:00 થી તા.02/07/2015 બપોરના 15:00 કલાક સુધી (રજાના દિવસો સિવાય).
> હોલ ટીકીટ ડાઉનલોડ કરવાનો સમય :
- તા.14/07/2015 થી.
> કસોટીની તારીખ અને સમય :
- તા.19/07/2015 સવારના - 11:00 થી 13:00.
> સુધારેલ જાહેરનામું : 2015 - Click Here .pdf
> http://ojas.guj.nic.in વેબસાઇટ પર ઉમેદવારો માટે TET-II નું રજીસ્ટ્રેશન ઓનલાઇન ભરવાનો સમયગાળો :
- તા.22/06/2015 બપોરના 14:00 થી તા.01/07/2015 બપોરના 15:00 કલાક સુધી.
> પોસ્ટ ઓફીસ ખાતે ફી સ્વીકારવાનો સમયગાળો :
- તા.22/06/2015 બપોરના 14:00 થી તા.02/07/2015 બપોરના 15:00 કલાક સુધી (રજાના દિવસો સિવાય).
> હોલ ટીકીટ ડાઉનલોડ કરવાનો સમય :
- તા.14/07/2015 થી.
> કસોટીની તારીખ અને સમય :
- તા.19/07/2015 સવારના - 11:00 થી 13:00.
- તા.19/07/2015 સવારના - 11:00 થી 13:00.
> સુધારેલ જાહેરનામું : 2015 - Click Here .pdf
- પ્રાથમિક શિક્ષક યોગ્યતા કસોટી- ટેટ-II :
> http://ojas.guj.nic.in વેબસાઇટ પર ઉમેદવારો માટે TET-II નું રજીસ્ટ્રેશન ઓનલાઇન ભરવાનો સમયગાળો :
- તા.10/06/2015 બપોરના 14:00 થી તા.19/06/2015 બપોરના 15:00 કલાક સુધી.
> પોસ્ટ ઓફીસ ખાતે ફી સ્વીકારવાનો સમયગાળો :
- તા.10/06/2015 બપોરના 14:00 થી તા.20/06/2015 બપોરના 15:00 કલાક સુધી (રજાના દિવસો સિવાય).
- તા.10/06/2015 બપોરના 14:00 થી તા.20/06/2015 બપોરના 15:00 કલાક સુધી (રજાના દિવસો સિવાય).
> કસોટીની તારીખ અને સમય :
- તા.19/07/2015 સવારના - 11:00 થી 13:00.
- તા.19/07/2015 સવારના - 11:00 થી 13:00.
> જાહેરનામું : 2015 - Click Here .pdf
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> પોસ્ટ ઓફીસ ખાતે ફી સ્વીકારવાનો સમયગાળો :
તા.૧૦/૦૭/૨૦૧૫ બપોરના ૧૪:૦૦ થી તા.૨૧/૦૭/૨૦૧૫ બપોરના ૧૫:૦૦ કલાક સુધી (રજાના દિવસો સિવાય).
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- પ્રાથમિક શિક્ષક યોગ્યતા કસોટી- ટેટ-I :
> http://ojas.guj.nic.in વેબસાઇટ પર ઉમેદવારો માટે TET-I નું રજીસ્ટ્રેશન ઓનલાઇન ભરવાનો સમયગાળો :
તા.૧૦/૦૭/૨૦૧૫ બપોરના ૧૪:૦૦ થી તા.૨૦/૦૭/૨૦૧૫ બપોરના ૧૫:૦૦ કલાક સુધી.
> પોસ્ટ ઓફીસ ખાતે ફી સ્વીકારવાનો સમયગાળો :
તા.૧૦/૦૭/૨૦૧૫ બપોરના ૧૪:૦૦ થી તા.૨૧/૦૭/૨૦૧૫ બપોરના ૧૫:૦૦ કલાક સુધી (રજાના દિવસો સિવાય).
> હોલ ટીકીટ ડાઉનલોડ કરવાનો સમય : તા.૧૭/૦૮/૨૦૧૫ થી.
> કસોટીની તારીખ અને સમય : તા.૨૩/૦૮/૨૦૧૫ સવારના - ૧૧:૦૦ થી ૧૨:૩૦.
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