Jetal Panchal
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Jetal Panchal
Assistant Teacher (Maths-Science) at Gujarat-India
Monday, November 16, 2015
Sunday, November 15, 2015
Saturday, November 14, 2015
"Bal Diwas-14th november" Vishesh : Jawaharlal Nehru-Bharat ma Aadhunikta & Technology ni Pahel na Praneta - By Divya Bhaskar News-Paper
November 14, 2015
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14 नवंबर को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन होता है। इसे बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। क्योंकि उन्हें बच्चों से बहुत प्यार था और बच्चे उन्हें चाचा नेहरू पुकारते थे।
बाल दिवस बच्चों को समर्पित भारत का राष्ट्रीय त्योहार है। देश की आजादी में भी नेहरू का बड़ा योगदान था।
प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने देश का उचित मार्गदर्शन किया था। बाल दिवस बच्चों के लिए महत्वपूर्ण दिन होता है। इस दिन स्कूली बच्चे बहुत खुश दिखाई देते हैं। वे सज-धज कर विद्यालय जाते हैं। विद्यालयों में बच्चे विशेष कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
वे अपने चाचा नेहरू को प्रेम से स्मरण करते हैं। बाल मेले में बच्चे अपनी बनाई हुई वस्तुओं की प्रदर्शनी लगाते हैं। इसमें बच्चे अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। नृत्य, गान, नाटक आदि प्रस्तुत किए जाते हैं। नुक्कड़ नाटकों के द्वारा आम लोगों को शिक्षा का महत्व बताया जाता है।
बच्चे देश का भविष्य हैं। इसलिए हमें सभी बच्चों की शिक्षा की तरफ ध्यान देना चाहिए। बच्चों के रहन-सहन के स्तर ऊंचा उठाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। इन्हें स्वस्थ, निर्भीक और योग्य नागरिक बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए। यह बाल दिवस का संदेश है।
बाल दिवस के अवसर पर केंद्र तथा राज्य सरकार बच्चों के भविष्य के लिए कई कार्यक्रमों की घोषणा करती है।
बाल श्रम रोधी कानूनों को सही मायनों में पूरी तरह से लागू किया जाना चाहिए। अनेक कानून बने होने के बावजूद बाल श्रमिकों की संख्या में वर्ष दर वर्ष वृद्धि होती जा रही है। इन बच्चों का सही स्थान कल-कारखानों में नहीं बल्कि स्कूल है।
बाल दिवस बच्चों को समर्पित भारत का राष्ट्रीय त्योहार है। देश की आजादी में भी नेहरू का बड़ा योगदान था।
प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने देश का उचित मार्गदर्शन किया था। बाल दिवस बच्चों के लिए महत्वपूर्ण दिन होता है। इस दिन स्कूली बच्चे बहुत खुश दिखाई देते हैं। वे सज-धज कर विद्यालय जाते हैं। विद्यालयों में बच्चे विशेष कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
वे अपने चाचा नेहरू को प्रेम से स्मरण करते हैं। बाल मेले में बच्चे अपनी बनाई हुई वस्तुओं की प्रदर्शनी लगाते हैं। इसमें बच्चे अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। नृत्य, गान, नाटक आदि प्रस्तुत किए जाते हैं। नुक्कड़ नाटकों के द्वारा आम लोगों को शिक्षा का महत्व बताया जाता है।
बच्चे देश का भविष्य हैं। इसलिए हमें सभी बच्चों की शिक्षा की तरफ ध्यान देना चाहिए। बच्चों के रहन-सहन के स्तर ऊंचा उठाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। इन्हें स्वस्थ, निर्भीक और योग्य नागरिक बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए। यह बाल दिवस का संदेश है।
बाल दिवस के अवसर पर केंद्र तथा राज्य सरकार बच्चों के भविष्य के लिए कई कार्यक्रमों की घोषणा करती है।
बाल श्रम रोधी कानूनों को सही मायनों में पूरी तरह से लागू किया जाना चाहिए। अनेक कानून बने होने के बावजूद बाल श्रमिकों की संख्या में वर्ष दर वर्ष वृद्धि होती जा रही है। इन बच्चों का सही स्थान कल-कारखानों में नहीं बल्कि स्कूल है।
Source : http://hindi.webdunia.com
Wednesday, November 11, 2015
Tuesday, November 10, 2015
GSHSEB - HSC (Science Stream) Semester-1 & 3 - October/November-2015 Exam Provisional Answer Key Declared : Date-10/11/2015
November 10, 2015
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